Sunday 30 October 2016

घर बैठें करें बिजनेस, होगी लाखों में कमाई



घर बैठे ऐसे कई काम हैं, जिनसे महीने में एक अच्छी सैलरी के बराबर पैसा कमाया जा सकता है। आमतौर पर देखने में आया है कि ऐसे छोटे और बेहद कम खर्च में लगने वाले उद्योगों के बारे में लोगों को कम जानकारी होती है, जिसके चलते वे चाहकर भी कोशिश नहीं कर पाते। कैसे और क्या बनाएं, कहां से कच्चा माल लें और बनाकर कहां बेचें, इन तक कम ही लोगों  की पहुंच हो पाती है।
ऐसे ही 5 बिजनेस आइडियाज़, जिनके जरिए आप आसानी से महीने में 50 हजार से 1 लाख रुपए तक या इससे ज्यादा कमा सकते हैं। कुछ ऐसे ऑप्शन्स हैं जिनकी मार्केट में डिमांड ज्यादा है लेकिन बनाने वाले कम। फिर बात कपड़ों में लगने वाले बटन की हो या सीएफएल की, आप आसानी से इन्हें घर बैठे ही बना सकते हैं, वो भी बेहद कम खर्च पर। बस आपके पास थोड़ी जगह होनी चाहिए।

सीएफएल, ट्यूब और चोक्स-

हवा पानी के बाद बिजली आज सबसे बड़ी जरूरत है और इत्तेफाक से इसकी कमी भी काफी है। बिजली बचाने के लिए पिछले कुछ सालों में सीएफएल का यूज़ बढ़ा है, ऐसे में इनका निर्माण फायदे का सौदा हो सकता है। इनके साथ सबसे बड़ा फायदा है- एक साल तक यह काम आते हैं और बिजली बिल को बेहद कम कर देते हैं। इसके साथ ट्यूब और चोक्स की लोकल मार्केट में काफी मांग है।

मार्केट- हर घर में ट्यूब, CFL की जरूरत है। डोर टू डोर मार्केटिंग से मांग और मुनाफा कई गुना बढ़ सकता है। घरों के अलावा इलेक्ट्रिक शॉप्स, स्टेशनरीज़, मॉल, डिपार्टमेंटल स्टोर हर जगह इनकी मांग तेजी से बढ़ रही है। केयोस्क के ज़रिए भी इन्हें बेचना आसान है।

रॉ मटेरियल- आयरन, सोल्डर, पेस्ट, कटर, कंपसुल, पीसीबी, बोर्ड, सोल्डिंग वायर, स्लीव एल्युमिनियम कॉप, पीवीसी होल्डर व्हाइट, सीमेंट और कॉपर वायर।

मशीनरी- हल्ड एचपी मोटर, हैंड प्रेस, फोर कॉयल वाइंडिंग मशीन, डाइज़ आदि।

ड्रिंकिंग वॉटर-

पानी की बोतल किसी ने न खरीदी हो, ऐसा शायद ही कोई मिले। सफर के दौरान महज 15 रुपए का शुद्ध पानी खरीदना सबसे आसान विकल्प बन गया है। आज मिनरल वॉटर की मांग हर जगह है। ब्रांडेड कंपनियों के अलावा कई छोटे उद्योग भी इसमें लगे हैं और मुनाफा कमा रहे हैं। यह ऐसा बिजनेस है जिससे आप एक बार इन्वेस्टमेंट कर जिंदगी भर मुनाफा कमा सकते हैं।
बाजार में मौजूद कंपनियां पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर बनाती हैं। लेकिन यह सभी मिनरल वॉटर नहीं होते। शुद्ध पानी के लिए ‘ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड’ ने तय की हुई शर्तें और नियमावली के अनुसार ही पानी की कमर्शियल प्रोडक्शन किया जा सकता है।
पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर में इंसानी शरीर के लिए हानिकारक साबित होने वाले सभी प्रकार के क्षार कम किए जाते हैं। जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, क्लोराइड, सल्फेट और क्लोरिन।
इनमें से क्लोरिन में शुद्धिकरण प्रक्रिया में पूरी तरह से कम किया जाता है।
बाकी क्षार बीआईएस के अनुसार तय मात्रा में कम किया जाता है।

रॉ मटेरियल- पानी, प्लास्टिक की ट्रांसपेरेंट बोतलें, कैन और आपकी कंपनी का लेबल।

मशीनरी-आरओ मशीन, सैंड फिल्टर, कार्बन फिल्टर, सॉप्टनर, बोतलें पैकिंग करने वाली मशीनें और सबमर्सिबल पंप आदि।

कोरूगेटेड बॉक्स-

लकड़ी के बॉक्स की तुलना में कोरूगेटेड बॉक्स वजन में काफी हल्के और सस्ते होते हैं। टिकने वाली पैकिंग और सस्ते होने के कारण ये हर छोटी-बड़ी कंपनी की पसंद हैं। फल-सब्जियों से लेकर एलईडी टीवी तक इन्हीं में पैक होती हैं। इनका मार्केट भी काफी अच्छा है। अलग अलग जरूरत और साइज में इन्हें ऑर्डर पर तैयार कराया जाता है। लकड़ी की लुगदी से इन्हें तैयार किया जाता है लेकिन बीस से 25 फीसदी लकड़ी का यूज़ भी किया जाता है। आप इस बिजनेस को दो तरह से कर सकते हैं।
कोरूगेटेड बॉक्स के लिए लगने वाली शीट्स तैयार कर।
तैयार शीट्स खरीदकर सिर्फ बॉक्स असेंबल कर।
ये थोड़ा बड़ा प्लांट होता है। लेकिन आप अगर इस पुट्ठों की तैयार शीट्स लाकर बॉक्स बनाकर बेचना शुरू करें तो काफी आसान होगा। आप इन्हें अलग-अलग डिजाइन और साइज में तैयार कर सकते हैं।

मार्केट- जिस तरह तेजी से इनका यूज़ बढ़ा है, मांग भी उतनी ही तेजी से बढ़ी है। बड़ी कंपनियों के अलावा अब फ्लिपकार्ट, अमेजन जैसी कंपनियां भी ऑर्डर देती हैं, तो फल-सब्जियां मार्केट में भेजने के लिए किसान भी।

रॉ मटेरियल- कागज के पुट्ठों से बनाना हो, तो लकड़ी की लुगदी, सरस, इंडस्ट्रीयल यूज़ के लिए आने वाला गोंद और पुट्ठों की शीट्स।

मशीनरी- क्रिशिंग मशीन, स्टीचिंग मशीन, कोरूगेटेड मशीन, स्लेटिंग मशीन, बोर्ड कटर मशीन, शिप प्रोसिंग मशीन, बॉक्स सिलने की मशीन,इलेक्ट्रिकल मशीन

बटन-

शर्ट, पैंट, बच्चों के कपड़े या महिलाओं के कपड़े हों, बटन लगते ही हैं। रेडिमेड कपड़े बनाने वाली कंपनियों के अलावा रिटेल में भी इनकी काफी मांग है। आप इन्हें एक्सपोर्ट भी कर सकते हैं। प्लास्टिक बटन तैयार करने की इलेक्ट्रिक ऑटोमेटिक मशीन से बिजनेस शुरू कर सकते हैं या हैंड मोल्डेड मशीन से छोटे स्तर पर। नॉयलॉन या अक्रेलिक बटन तैयार करने के लिए आप ऑटोमेटिक मशीन का यूज़ कर सकते हैं। जबकि प्लास्टिक मोल्डिंग मशीन से पीएफ या यूएफ बटन्स तैयार किए जा सकते हैं। इसी तरह इंजेक्शन मोल्डिंग, कम्प्रेशन मोल्डिंग के ज़रिए प्लास्टिक बटन्स तैयार किए जाते हैं।

मार्केट- रेडिमेट गारमेंट तैयार करनी वाली फर्म्स व कंपनियां, सिलाई का काम करने वाले कारीगर, फैशन हाउस, फैशन डिजाइनर्स और हर घर में यूज़ होते हैं बटन्स।

रॉ मटेरियल- नॉयलॉन, अक्रेलिक, पॉलिस्टर, तैयार शीट्स, प्लास्टिक की रंगीन गोलियां, पराफीन हुक्स, पीवीसी रेजीन, फिलर्स, स्टेवलाइज़र, प्लास्टीसाइज़र की जरूरत होती है।

मशीनरी- इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन, मल्टी मोल्ड्स, ड्रिलिंग मशीन, हैंडमोल्डेड मशीन, मेटेनेंस के लिए लगने वाले औजार।

टैल्कम पाउडर-

टैल्कम पाउडर के बारे में सबसे अच्छी बात ये है कि मौसम के साथ ये हमेशा मार्केट और घरों में बने रहते हैं। इनका विकल्प अभी तक कुछ भी नहीं। छोटे बच्चे से लेकर बड़े-बूढ़े, अमीर या गरीब, सभी इसका यूज़ करते हैं। टैल्कम पाउडर बनाने लगने वाली रॉ मटेरियल में सुगंध मिलाकर पाउडर तैयार हो जाता है, उन्हें आप अलग-अलग साइज के डिब्बों में भरकर लेबलिंग कर मार्केट में बेच सकते हैं। टैल्कम पाउडर बनाने से पहले आपको ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 के अनुसार मंजूरी लेनी होगी। आप एक्सपर्ट से स्पेशल फॉर्मूला तैयार करा सकते हैं।

मार्केट- हर इंसान टैल्कम पाउडर का ग्राहक है। किराना दुकान, छोटे-बड़े मॉल, कॉस्मेटिक दुकानें, ब्यूटी पार्लर-स्पा, जेंट्स सलून, दवाई की दुकानें, लोकल के डेली मार्केट, सभी जगहों पर टैल्कम पाउडर के खरीदार हैं। डोर टू डोर मार्केटिंग से भी अच्छी कमाई की जा सकती है।

रॉ मटेरियल-जिस फ्लेवर का टैल्कम पाउडर तैयार करना हो उन फूलों की सुगंध, टिटनियम डाय ऑक्साइड, जिंक ऑक्साइड, कैल्शियम कार्बोनेट, सोप स्टोन लगेगा।

मशीनरी- ऑटोमेटिक ग्राइंडर, मिक्सर, फिल्टर, पैकिंग मशीन और लेबलिंग मशीन।
पोस्टल बैंक के साथ बिजनेस और नौकरी का मौका, हर महीने रेग्युलर कमाई


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