Sunday 18 September 2016

बिना पैसे सरकार के साथ शुरू करें बिजनेस

सरकार के प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत दवा की दुकान खोलना अब पहले से ज्यादा मुनाफे का सौदा होगा। सरकार ने योजना के तहत दिया जाने वाला इंसेटिव 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए कर दिया है। यह इंसेटिव मंथली ट्रेड मार्जिन और दवा की दुकान खोलने पर मिलने वाले सरकारी ग्रांट से अलग होगा। यानी हर महीने होने वाले मुनाफे के अलावा आपको एक कुल दवा की सेल का 10 फीसदी अलग से इंसेटिव भी दिया जाएगा।
सरकार की योजना है कि योजना के तहत दुकान खोलने वालों को कम से कम बिजनेस शुरू करने से अगले दो साल तक मुनाफे की गारंटी दी जाए।
इस वजह से सरकार ने इंसेटिव बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए कर दिया है, जो मंथली बेसिस पर दिया जाएगा।
इसके अलावा हर महीने की सेल पर सरकार की ओर से 20 फीसदी कमिशन मुनाफे के तौर पर दिया जाएगा।
सबके लिए होगी यह योजना-
सरकार द्वारा जन औषधि स्कीत के तहत इस सुविधा का लाभ कोई भी उठा सकता है। जिसमें स्टेट ओन एजेंसियों के अलावा निजी रिटेलर/फॉर्मासिस्ट, एनजीओ और चैरिटेबल ऑर्गनाइजेशन शामिल हैं।
मुनाफे की होगी गारंटी-
सरकार ने इसके पहले मंथली सेल पर दुकानदारों का कमिशन बढ़ाकर 20 फीसदी किया था। यह तो उनका ट्रेड मार्जिन है।
ट्रेड मार्जिन के अलावा अब सरकार ने इंसेटिव भी बढ़ाया है। यह इंसेटिव मंथली सेल पर 10 फीसदी होगा, जो सरकार आपके बैंक अकाउंट में डाल देगी।
इस तरह से दुकानदारों को कम से कम 2 साल तक ट्रेड मार्जिन के अलावा इंसेटिव के रूप में डबल मुनाफा होगा। अगर वह एक महीने में 1 लाख रुपए तक की दवा सेल करता है तो उसे मंथली 30 हजार रुपए तक इनकम होगी।
बिजनेस स्टेबलिश करने का मौका-
सरकार द्वारा इंसेटिव देने से दुकानदार को एक तय मुनाफा होगा, जिससे उसे अपना बिजनेस स्‍टेबल करने का मौका मिल जाएगा।
इंसेटिव-
इंसेटिव हर महीने होने वाली दवाइयों की सेल पर डिपेंड होगा और इसे कुल सेल का 10 फीसदी रखा गया है। हालांकि, इसकी लिमिट 10 हजार मैक्सिमम रखी गई है। अगर रिटेलर 1 लाख रुपए से ज्यादा की दवा सेल करता है तो भी उसे उस महीने 10 हजार रुपए ही इंसेटिव मिलेगा।
यह इंसेटिव तबतक मिलता रहेगा, जबतक 2.5 लाख रुपए की लिमिट पूरी नहीं हो जाती है।
नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार ने यह इंसेटिव कुल सेल का 15 फीसदी रखा है, जिसकी मैक्सिमम लिमिट 15 हजार रुपए है।
अगर आप सस्ती दवाइयों के लिए मेडिकल स्टोर खोलते हैं तो इसके लिए सरकार आपको 2.5 लाख रुपए ग्रांट के रूप में देगी। मेडिकल स्टोर आपको प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना के तहत खोलना होगा। अब तक स्टेट गवर्नमेंट द्वारा नॉमिनेटेड एजेंसियों को ही 2.5 लाख रुपए ग्रांट मिल रहा था, सरकार ने अब यह नियम सबके लिए कर दिया है।
दवा खरीदने के लिए 1 लाख रुपए-
सेंटर शुरू करने पर 1 लाख रुपए की दवाइयां पहले आपको दवा खरीदनी होगी। बाद में सरकार इसे मंथली बेसिस पर रीइंबर्समेंट करेगी।
दुकान में रैक, डेस्क बनवाने के लिए 1 लाख रुपए-
दुकान शुरू करने में इंफ्रास्ट्रक्चर यानी रैक, डेस्क आदि बनवाने में सरकार आपको 1 लाख रुपए तक की सहायता करेगी। इस खर्च को सरकार 6 महीने के अंदर आपको वापस करेगी।
कंप्यूटर, फ्रिज रखने में 50 हजार रुपए हेल्प-
जनऔषधि सेंटर खोलने के लिए कंप्यूटर आदि के सेटअप पर 50 हजार रुपए तक के खर्च पर भी सरकार आपको यह पैसा रिटर्न करेगी।
मेडिकल स्टोर खोलने पर कमिशन भी बढ़ गया है।
अगर आप जनऔषधि योजना के तहत मेडिकल स्टोर खोलते हैं तो आपको होने वाला मुनाफा भी पहले से ज्यादा होगा।
सरकार ने हाल ही में रिटेलर्स का कमिशन 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है।
अगर एक महीने में आप 1 लाख रुपए तक की दवा सेल करते हैं तो इसमें आपकी बचत 20 हजार रुपए होगी।
कमिशन की कोई लिमिट नहीं है, जितनी दवा सेल होगी, कमिशन उतना ज्यादा बनेगा।
जनऔषधि सेंटर-
जनऔषधि सेंटर खोलने के लिए सरकार ने तीन कैटेगरी बनाई है।
पहली कैटेगरी में कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर, रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर स्टोर खोल सकेगा।
दूसरी कैटेगरी में ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट हॉस्पिटल, सोसायटी और सेल्फ हेल्प ग्रुप को स्टोर खोलने का मौका मिलेगा।
वहीं तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों द्वारा नॉमिनेट की गई एजेंसी होगी।
दुकान खोलने के लिए 120 वर्गफुट एरिया में दुकान होनी जरूरी है।

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