Thursday 13 October 2016

करें सोया पनीर का बिजनेस, हर महीने होगी लाखों में कमाई







रेग्‍यूलर कमाई के लिए अगर आप कोई बिजनेस शुरू करने की प्‍लानिंग कर रहे हैं तो तोफू यानी सोया पनीर का प्‍लांट आपके लिए अच्‍छा जरिया हो सकता है। तोफू के इस बिजनेस से न सिर्फ आप रेग्‍यूलर कमाई कर सकते हैं बल्कि थोड़ी सी मेहनत और सूझ-बूझ से आप खुद को एक ब्रांड के रूप में भी स्‍थापित कर सकते हैं। लगभग 3 से 4 लाख रुपए के इन्‍वेस्‍ट से कुछ महीनों में ही आप हजारों नहीं बल्कि लाखों रुपए महीने तक कमा सकते हैं।

सिर्फ 3 से 4 लाख में शुरू होगा काम-

तोफू बनाने के लिए आपको शुरूआत में 3 से 4 लाख रुपए खर्च करने होंगे। इसमें मशीनें और रॉ मटेरियल शामिल है।
लगभग 2 से 3 लाख रुपए की आपको बॉयलर, जार, सेपरेटर, छोटा फ्रीजर आदि सामान खरीदने होंगे।
इसके बाद 1 लाख या जरूरत के हिसाब से कितनी भी मात्रा में आपको सोयाबीन खरीदनी होंगी।
जो तोफू बनाना जानता हो ऐसे कारीगर को भी शुरूआत में आपको हायर करना होगा ताकि आपका माल खराब न हो।

पहले तैयार करना होगा दूध-

तोफू बनाना बिल्‍कुल आम दूध के पनीर जितना ही आसान होता है। बस फर्क इतना है कि इसमें पहले आपको दूध बनाना होता है।
इसके लिए पहले सोयाबीन को पीसकर 1:7 के अनुपात में आपको पानी के साथ फेटकर उबालना होता है।
बॉयलर और ग्राइंडर में एक घंटे की प्रक्रिया में आपको लगभग 4 से 5 लीटर दूध मिलता है।
इसके बाद आप दूध को सेपरेटर में डाला जाता है, इससे दूध दही जैसा गाढ़ा हो जाता है और इससे बचा हुआ पानी निकाला जाता है।
तकरीबन 1 घंटे की प्रक्रिया के बाद आपको लगभग 2.5 से 3 किलोग्राम पनीर प्राप्‍त हो जाता है।

बड़े-बड़े रिटेलर से हो सकता है करार-

तोफू के बिजनेस में आप खुद को एक ब्रांड के रूप में भी स्‍थापित कर सकते हैं। पहले इसके लिए रजिस्‍ट्रेशन और ब्रांड का नाम बनाना होगा।
इसके बाद ब्रांडिंग करके आप बड़े-बड़े रीटेलर से करार करके अपने तोफू को रेग्‍यूलर सप्‍लाई कर सकते हैं।
आप सिर्फ दूध बनाकर ही अच्‍छी पैकिंग के साथ इसे बाजार में सप्‍लाई कर सकते हैं।
इसमें आपको तोफू की क्‍वालिटी पर ध्‍यान देना होगा और एफएसएसएआई का भी अप्रूवल लेना होगा।

50 से 1 लाख रुपए होगी शुरूआती कमाई-

सोयाबीन का होलसेल प्राइस लगभग 3000 से 3100 रुपए प्रति क्विंटल है और तोफू का बाजार में प्राइस 200 से 250 रुपए प्रति किलोग्राम।
आपको 1 किलोग्राम  सोयाबीन से पूरी प्रक्रिया के बाद लगभग 2.5 किलोग्राम पनीर मिलता है तो जो कि लगभग कम से 500 रुपए का होता है।
इस तरह आप अगर एक दिन में 10 किलोग्राम पनीर भी रोजाना बनाते हैं तो इसका बाजार में भाव लगभग 2 हजार रुपए होता है।
ऐसे में यदि लेबर, बिजली, आदि के खर्च को यदि 50 फीसदी भी मानते हैं तो आपको इस हिसाब से 30 हजार रुपए की नेट बचत होती है।
तोफू बनाने की मात्रा में वृद्धि करके आप इस प्रॉफिट को जितना मर्जी चाहे बढ़ा सकते हैं। 50 से 1 लाख पहुंचने में भी आपको समय नहीं लगेगा।

हर प्रोडक्‍ट आता है काम-

तोफू बनाने में आपके पास बाय प्रोडक्‍ट के रूप में खली बचती है। बता दें कि इससे भी कई प्रोडक्‍ट तैयार होते हैं।
इस खली का इस्‍तेमाल बिस्‍कुट बनाने में भी होता है। इसके बाद जो प्रोडक्‍ट बनता है उससे बरी तैयार होती।
इस बरी को खाने में इस्‍तेमाल किया जाता है। यह भी प्रोटीन का एक रिच सोर्स माना जाता है।

मार्केटिंग है बिजनेस की मेन रणनीति-

दूध को सबसे अधिक प्रोटीन वाले स्रोत के रूप में जाना जाता है लेकिन, सोयाबीन में दूध से कहीं अधिक प्रोटीन होता है।
तोफू में भी सामान्‍य दूध के पनीर से लगभग 4 गुना प्रोटीन होता है। बस यही इसका मार्केटिंग का सबसे मजबूत पहलू है।
बहुत से कॉलेज और शिक्षा संस्‍थानों के हॉस्‍टल आदि में सिर्फ तोफू ही अनिवार्य किया गया है ताकि, बच्‍चों को अच्‍छे से अच्‍छा प्रोटीन सोर्स मिले।
इसी को आधार बनाकर अगर अच्‍छे लेवल पर मार्केटिंग की जाती है तो इस मुनाफे को कई गुना तक बढ़ाया जा सकता है।

सभी जिलों में मिलता है लोन-

तोफू के प्रोजेक्‍ट के लिए यदि आपके पास पूंजी नहीं है तो हर छोटे मंझोले उद्योग की जैसे ही आपको इसके लिए भी लोन मिल सकता है।
इसके लिए आपको अपने प्रोजेक्‍ट को जिला उद्योग कार्यालय में प्रस्‍तुत करना होगा। इसके बाद मुनाफे और लागत का आंकलन करके आपको सब्सिडी वाला लोन मिल जाता है।
इसके लिए समय-समय पर केंद्र और राज्‍य सरकारों के एसएमई प्रोजेक्‍ट़स के लिए बिना ब्‍याज या कम ब्‍याज वाले लोन में भी शामिल किया जाता है।
इस बिजनेस में कमाएं लाखों रुपए, करना होगा ये काम

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